B.ED TEACHER LATEST NEWS: प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड शिक्षक नहीं होंगे नौकरी से बाहर
B.ed NEWS: आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक पद पर भर्ती के लिए बीएड डिग्री धारकों को अयोग्य माना था। हालांकि इसके लिए 11 अगस्त 2023 के फैसले को स्पष्ट करते हुए बता दिया है। कि फैसले से पहले हुई भर्तियों पर इसका बिल्कुल भी असर नहीं होगा यानी कि जिन बीएड डिग्री धारकों ने प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति प्राप्त कर ली है। 11 अगस्त 2023 से पहले उन सभी शिक्षकों को नौकरी से बाहर नहीं किया जाएगा।
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परंतु इसके लिए भी एक शर्त रखी गई है। कि किसी अदालत से उनकी योग्यता के बारे में कोई आदेश नहीं होना चाहिए हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना है। कि यह आदेश पूरे देश भर के सभी राज्यों के लिए है।सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2030 को देवेश शर्मा मामले में दिए फैसले में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक पद पर भारती के लिए बीएड डिग्री धारक अयोग्य हैं। कोर्ट ने माना था कि बीटीसी और डीएलएड ही प्राथमिक विद्यालय के लिए योग्य हैं।
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हालांकि जस्टिस अनिरुद्ध बस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ में सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार की फैसले का स्पष्टीकरण मांगने वाली अर्जी का निपटारा करते हुए यह आदेश दे दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि बेड उम्मीदवारों का दावा है। की भर्ती प्राधिकारी द्वारा बेड को योग्यता मानक में शामिल किया गया था और तभी उन्हें नौकरी मिली है हालांकि अगर ऐसा है। तो या उनके पक्ष में जाता है और उनकी नौकरी बनी रहेगी सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारकों को प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति के अयोग्य ठहरने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देश व्यापी असर हुआ है और b.ed डिग्री धार प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ गया है। मध्य प्रदेश सरकार और बहुत से प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से आदेश में संशोधन करने और स्पष्टीकरण की गुहार भी लगाई थी। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की ओर से पीस वरिष्ठ वकील विकास सिंह के अनुसार अकेले उत्तर प्रदेश में बीएड डिग्री धार के प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 34000 है। ऐसे में उनके हित प्रभावित होंगे जिसके चलते कोर्ट ने फैसला जारी किया है। कि बीएड डिग्री धारक शिक्षक को प्राथमिक विद्यालयों से बाहर नहीं किया जाएगा।